कंगाल पाकिस्तान को एक और झटका लगा है. वित्त वर्ष 2024-25 की पाकिस्तानी आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट आई है, जिसमें बताया गया है कि पाकिस्तान का कर्ज चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपया हो गया है. समीक्षा के अनुसार, नकदी की कमी से जूझ रहे देश की अर्थव्यवस्था इस साल 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने कहा कि अर्थव्यवस्था पिछले दो वर्षों से सुधार की राह पर है, और चालू वित्त वर्ष में यह प्रक्रिया और मजबूत हुई है. समीक्षा वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार के आर्थिक प्रदर्शन पर प्रकाश डालने वाला एक प्रमुख दस्तावेज है. पाकिस्तान का वित्त वर्ष एक जुलाई से शुरू होता है
समीक्षा के अनुसार चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में सरकार का कर्ज बढ़कर 76,000 अरब पाकिस्तानी रुपये हो गया, जिसमें स्थानीय बैंकों से 51,500 अरब पाकिस्तानी रुपये और बाह्य स्रोतों से 24,500 अरब पाकिस्तानी रुपये का कर्ज शामिल है.
800 अरब रुपये का घाटा
पाकिस्तानी वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने बताया कि फिच ने पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को CCC+ से बढ़ाकर B- कर दिया है, जिसमें स्थिर आउटलुक शामिल है. उन्होंने कहा कि 800 अरब रुपये के वार्षिक घाटे को नियंत्रित करने के बाद सरकार अगले साल 24 सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों (SOEs) के निजीकरण की योजना बना रही है. इसके साथ ही, उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर 411 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष में 372 अरब अमेरिकी डॉलर था.
30 जून 2024 तक पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 9.4 अरब डॉलर था, जो 2023 की तुलना में उल्लेखनीय सुधार दर्शाता है, जब यह केवल दो सप्ताह के आयात को कवर कर पा रहा था. 2025 में यह भंडार बढ़कर 16.64 अरब डॉलर हो गया, जो बेहतर आर्थिक संकेतकों और निवेशकों के बढ़ते विश्वास से समर्थित है. कुल भंडार में से 11.5 अरब डॉलर स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास और 5.14 अरब डॉलर कमर्शियल बैंकों के पास थे.